पूर्वजों को याद करते समय ध्यान रखें
हिंदू धर्म के अमुसार श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व होता है. ये वही समय होता है, जिसमें लोग अपने पितरों को याद करते हैं. पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं. वास्तु शास्त्र में पितरों की तस्वीर को लेकर क्या कहना चाहिए, वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीरों को लगाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग पितरों का तर्पण या श्राद्ध नहीं करते उन्हें पितृदोष का सामना करना पड़ता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीरों को हमेशा घर के उत्तरी हिस्से के कमरों में लगाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जिस स्थान पर भी लगाएं वहां उत्तरी दीवार पर तस्वीर लगाएं, जिससे इनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे. दक्षिण की दिशा को यम और पितरों की दिशा कहा गया है. इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है.
पितरों की तस्वीर लगाते समय रखें ध्यान।
1. घर में पूर्वजों की फोटो कभी मध्य स्थान में कभी नहीं लगाना चाहिए, ऐसा करने से मान-सम्मान की हानि होती है. इसके साथ ही पश्चिन या दक्षिण में लगाने से संपत्ति की हानि होती है.
2. इसके साथ ही परिवार के मृत पूर्वज की एक से अधिक तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए, पूर्वजों की तस्वीर कभी ऐसे स्थान पर ना लगाएं जहां आते जाते इन पर नजर जाए.
3. इसके साथ ही अपने पूर्वजों की तस्वीर को बैठक,शयनकक्ष औऱ रोसई घर में कभी नहीं लगाएं.
4. पितरों की तस्वीर घर में सभी जगहों पर नहीं लगानी चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता. इससे तनाव बना रहता है.