तुलसी विवाह और विज्ञान
आप सभी लोगों को जान के बडा आश्चर्य होगा कि तुलसी जी का विवाह करना भारतीय धर्म में एक आवश्यक कार्य माना जाता है लेकिन यदि इसे विज्ञान की दृष्टि से देखे दो इस विवाह में उपयोग की गई सामग्री और चढ़ाई की सामग्री बहुत हद तक तुलसी के पौधे को सर्द मौसम में जीवन बचाने के काम आती है यदि ऐसा ना किया जाए तो तुलसी के पौधे की मृत्यु हो जाती है
तुलसी विवाह
कार्तिक मास के शुक्ल पत्र की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह किया जाता है। इसे देवउठनी एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है। भारतीय क्षेत्र में इस समय ठंड की शुरुआत होती है और तुलसी का पौधा ठंड सहन करने में सक्षम नहीं होता है। इसीलिए उसे सुरक्षा व्यवस्था होती है। भारतीय परंपरा के अनुसार तुलसी विवाह के अंदर हम तुलसी के पौधे को एक लाल रंग की चुनरी से ढक देते और आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि तुलसी को सर्दी से बचाने के लिए उसे कपड़े रखना बहुत आवश्यक होता है परंपरा के द्वारा ही सही तुलसी का जीवन बचाया जाता है। इस इस परंपरा और धार्मिक पूजन के द्वारा ही प्रतिवर्ष तुलसी के पौधे को बचा लिया जाता है जिससे उससे मिलने वाली उपयोगी पत्तियों तथा अन्य गुणों का इस्तेमाल आपने चाय अन्य पदार्थों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए करते हैं।
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